Wednesday, October 21, 2009

चुदाई मेरे परिवार की

दरवाज़े पर घंटी बजते ही मैंने दरवाज़ा खोला भैय्या आए थे....
"अरे भैय्या आप... कैसे है... आइये"
भैय्या ने ज़ोर से मुझे बाँहों के बिच जकडा और मेरे होठों को चूम लिया और मेरे बूब्स को दबाने लगे
"ऋतू तेरे बूब्स हमेशा की तरह अभी भी मस्त टाइट है"
"मेरे बूब्स माँ पर गए है ना... उनके भी तो अभी तक टाइट है"
"हाँ, माँ अभी तक मस्त है और उनके जैसे बूब्स कम ही देखने को मिलते है"

बात
करते करते हम सोफे पर बैठ गए मैंने बैठते ही भइया की पंट खोल दी और उनका लौड़ा बहार निकल दिया और उसको सहलाने लगी भैये मेरे बूब्स ब्रा से बहार निकल चुके थे और अब मेरे निप्प्लेस चूस रहे थे उनका लौड़ा एकदम सख्त था और पुरा 8" खड़ा था मैंने धीमे से अपने बूब्स उनसे छुडाये और उनका लुंड चूसने लगी पहले उनके लाल मोटे सुपदे को चूसा और फ़िर पुरा लौड़ा अपने मुह में लेकर चूसने लगी मेरे हाथ उनके बाल्स को सहला रहे थे और भैय्या मेरे बूब्स को मसल रहे थे

तभी
मेरे पति राज भी गए वोह भैय्या के पास सोफे पर ही बैठ गए
" हे मनोज तू कब आया"
भैय्या ने अपना हाथ मेरे बूब्स से हटा कर राज से हाथ मिलाया "बस अभी ही आया हूँ जीजू आप बताईये कैसा चल रहा है"
"बडिया मनोज सब ठीक है तू बता घर पर सब कैसे है"

मैं
अभी भी भैय्या का लौड़ा और बाल्स चूस रही थी और भइया ने राज से हाथ मिलाने के बाद फ़िर अपना हाथ मेरे बूब्स पर रख दिया और दोनों बूब्स फ़िर से मसलने लगे
"सब ठीक है जीजू माँ बापू और मनीषा सब मजे मैं है"

मनीषा
राज की बीवी है राज मुझसे उम्र में १० साल छोटा है मेरी उम्र अब ४० की है और राज ३० साल का और उसकी बीवी मनीषा २७ साल की
"हाँ मनोज सबसे मिले काफ़ी दिन हो गए, जल्दी आयूंगा सबसे मिलने"
" हाँ जीजू सब आपको याद भी बहुत करते है एक दिन सब प्रोग्राम बना कर आईये ना"

मैं
अब भैय्या का लौड़ा छोड़ कर उठी वोह अभी तक सख्त था आर उसने पानी भी नहीं छोड़ा था मैं राज और मनोज के बिच बैठ गई बूब्स मेरे अभी तक बहार झूल रहे थे पास बैठते ही भैय्या ने मेरी स्कर्ट ऊपर उठा दी और मेरी छुट पर अपना हाथ फेरने लगे राज ने भी मेरे बूब्स सहलाने शुरू कर दिए

"ऋतू तुने मनोज का लौड़ा ऐसे ही छोड़ दिया उसका पानी नहीं निकला। अब मनोज को तकलीफ होगी कैसी बहिन है तू"
"राज मैंने जान बुझ कर लौड़ा बिना पानी निकले छोड़ दिया ... तू तो जानता है रजनी को ... उसको भैय्या का लौड़ा बहुत पसंद है अभी वोह आती ही होगी"
"ओक्क्क पर रजनी है कहाँ ... दिखी नहीं सुबह से" ... राज बोला
"वोह अभी कमरे में ही थी... अभी वोह अपनी झांटे साफ़ कर हठी थी मैं अभी उसकी छूट चाट कर आई ही थी के भइया गए"
राज ने मनोज का लुंड देखा और बोला... "साले साहब थोड़ा और इंतज़ार करिए अपने लौडे की पुरी प्यास बुझाने में

रजनी
मेरी बड़ी बेटी है जिसकी उम्र १८साल की है बी काफ़ी भरा है और बूब्स मेरे जैसे बड़े बड़े और गोल गोल है उसके निप्प्ल्स मेरे से भी बड़े है और जब खड़े होते है तो देखने का मजा जाता है राज तो उसके निप्प्ल्स ही चूसता रहता है... कहता है ऐसे निप्प्ल्स नसीब वालों को मिलते है और सच भी है रजनी जैसी सुंदर लड़की बहुत ही कम होती है.

मेरी छोटी बेटी का नाम पायल है और उसकी उम्र १५साल हैवोह भी एकदम मस्त हैउसके बूब्स अभी भर रहे है पर जैसे हमारे परिवार में सबके बड़े बूब्स है उसके भी अभी से काफ़ी बड़े हो गए है

"जीजू, दीदी के बूब्स अभी तक पहले जैसे ही मस्त हैजब भी इनको चुस्त हूँ तो मेरा मस्त खड़ा होता हैरजनी पहले मेरा लौदा चूस ले फ़िर मैं दीदी के बूब्स की चुदाई करूँगाबहुत टाइम हो गया ऋतू के बूब्स की चुदाई किए हुएकल पापा जब मनीषा के बूब्स चोद रहे थे तो दीदी की याद आ गयी. तभी मैं आज चला आया"
"मनोज, ऋतू के बूब्स भी मम्मी पर गए है. क्या उनके अभी तक ६० साल की उम्र में मस्त नहीं है. तने भी तो काफी चुदाई की है मम्मी की, तू तो जानता ही है"
"हाँ जीजू, मम्मी को तो अब भी चोदने में उतना ही मजा आता है जितना पहले आता था"

इतने में रजनी आ गयी कमरे में. उसने टी-शर्ट और स्कर्ट पहनी थी. साफ़ दिख रहा था निचे ब्रा नहीं है और पक्का था के पैंटी भी नहीं पहनी होगी. मनोज को देखते ही वोह एकदम चेहेक उठी.
"माअमूऊ, आप कब आय... और मुझे किसी ने बताया ही नहीं" और रजनी मनोज से लिपट गयी और उसके होठों को चूसने लगी. और बिना इंतज़ार किये मनोज का खडा लुण्ड हाथों से सहलाने लगी. और एकदम से सरक कर निचे आ गयी और मनोज का लुण्ड अपने मुह में भर लिया और भूकी कुतिया की तरह उसको चूसने लगी. उसको देख हमारी एकदम हंसी छुट गयी. मनोज ने भी उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसके बूब्स अपने हाथों में भर लिए और प्यार से सहलाने लगा. रजनी भी जोर जोर से मनोज का लौड़ा चूस रही थी. राज ने अब अपना हाथ मेरी चुत पर ले गया और अपनी ऊँगली मेरी चुत के अन्दर बहार करने लगा. मैंने भी राज का पजामा खोल निचे कर दिया और उसका काला मोटा लौड़ा बहार निकल लिए और हाथ में लेकर उसकी धीरे से मुठ मारने लगी. रजनी ने मनोज की पंट अब पूरी ऊपर से खल के निचे सरका दी. मनोज ने भी अपनी गांड उठा उसको आसानी से उतर जाने दिया. अब   मनोज पूरा निचे से नंगा था और रजनी का सर उसकी जांघो के बिच उसके लुण्ड को चूस रहा था. मनोज ने अपने आप ही अपनी शर्ट भी उतर दी और एकदम नंगा हो गया. वही रजनी ने मनोज का लुण्ड चूसते चूसते अपनी स्कर्ट निचे सरका दी और वोह भी पूरी नंगी हो गयी. राज भी रजनी को देख और ज्यादा गरम हो गया और मुझको सोफे से निचे उतर मेरे मुह में अपना घोडे जैसा लौड़ा अन्दर दे दिया. राज का लौड़ा कसते हुए मुझे इतने साल हो गए थे पर अब भी मुझको पूरा मजा देता था. राज ने मेरे बाल पकड़ कर आगे पीछे मेरा सर करते हुए मेरा मुह चोदने लग गया.

"जिजु जोर से चोदो दीदी का मुह. आपका लौड़ा दीदी के मुह में देख कर मजा आ जाता है. दीदी जैसे लोल्लिपोप की तरह चुस्ती है वैसे ही रजनी भी परफेक्ट हो गयी है."
"मनोज रजनी की तो चुत भी अभी टाइट है. मुझे रजनी का मुह और चुत दोनों चोदने में मजा आता है. और ऋतू तो मस्त रांड है. जब चाहो इसको तं चोद सकते हो. हमेशा गीली रहती है."
अब हम दोनों माँ बेटी का मुह चोद रहे थे और जोर जोर से धक्के मार रहे हे. इतने में मनोज का पानी निकलने तो तैयार हो गया और वोह और जोर से धक्के मारने लगा. और २मिनत बाद ही उसने अपना पानी रजनी के मुह के अन्दर डालना शुरू कर दिया.
"आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह रजनी मै झाडा. ले मेरा पानी अपने मुह में मेरी रांड. पि ले मामू का रस."
रजनी ने मनोज के लुण्ड का पानी पिने लगी और फिर मुह से निकल अपने चेहरे पर मनोज के रस की धार ली. मनोज का लुण्ड भी उचल उचल कर रस निकल रहा था. रजनी का चेहरा पूरा मनोज के रस से भर गया और मुह से भी टपक रहा था. पूरा रस ख़तम होने के बाद रजनी ने मनोज का लौड़ा अच्चे से चूसा और साफ़ कर दिया. मैं एक तरफ राज का लौड़ा चूस रही थी और दूसरी तरफ रजनी को तृप्त होते हुए देख रही थी. लौड़ा साफ़ करने के बाद रजनी ने अपनी जीभ मनोज के मुह में दाल उसको चूमने लगी. और मनोज भी जम के उसके वीर्य से भरे मुह को चूम रहा था. फिर रजनी मनोज के ही पास बैठ गयी और मुझे राज का लौड़ा चूसते देखने लगी. राज ने अपना हाथ बड़ा रजनी के बूब्स मसल दिए और उसकी चुत में ऊँगली करने लगा. रजनी ने अपने पापा राज की ऊँगली चुत से निकाली और अपने मुह के अन्दर लेली और उसको चूसने लगी. रजनी बुरी तरह से गीली थी और मैं जानती थी के उसको मोटे लुण्ड की ज़रुरत है अब. मैंने अपना सर राज की जांघो से निकला और वही राज के ही पास बैठ गयी.

"तू रजनी मामू को एक minute भी aaram नहीं करने deti. अभी तो aye ही थे और tune उनको jhaad दिया."
"अब मामू का लौड़ा ही इतना प्यारा है के रहा ही नहीं जाता. मेरा तो मन करता है हर वक़्त इसको चुस्ती rahu. देखो अब कैसा maje से leta है jhadne के बाद. "
"तेरी भी चुत पूरी तरह से गीली है. चल तू मेरे laude पर बैठ और चोद ले अपनी चुत, bujha ले iski pyas" राज bola
"पापा apka लौड़ा माँ ने मस्त खडा कर दिया है चूस चूस कर lao अब मै iski seva करती हूँ."
और रजनी राज के लौडे पर बैठ गयी और उसका लौड़ा अपनी चुत के अन्दर दाल लिया और उचल उचल कर चुदाई करने लगी. मैं मनोज के पास बैठ गयी और उसका मुरझाया हुआ लौड़ा सहलाने  लगी. मनोज ने अपना मुह मेरे बूब्स में दाल उनको चूसने लगा. राज अब जोर जोर से अपनी बेटी रजनी की चुत में धक्क्मार रहा था.
"हाँ पा और जोर से. चोदो मुझे पापा.... फाड़ दो मेरी चुत. चोदो अपनी रांड बेटी को... चोदो पापा ... चोदो... आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह"
अब राज ने रजनी को सोफे पर लिटा लिया और जोर जोर से उसको चोदने लगा. थोडी ही देर में रजनी झड़ने को तैयार थी और राज से उचल उचल कर चुदने लगी.
" मैं जड़ी पापा...... आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह..... और रजनी की चुत ने पानी छोड़ दिया. मनोज लपक कर्रज्नी की चुत पर गया और राज के लुण्ड से भरे हुए रजनी की चुत चाटने लगा. ऐसे में मनोज राज का लुण्ड भी चाट रहा था और रजनी की चुत का पानी भी पि रहा था. राज भी धक्के मारता हुआ अब झड़ने को तैयार था. उसने अपना लौड़ा रजनी की चुत से बहार निकला और उसके मुह में दाल दिया.
"le मेरी रांड बेटी चूस अपने पापा के लुण्ड को और निकल इसका पानी. ले कुतिया चूस ... और राज ने अपना पूरा लौड़ा रजनी की चुत में पेल दिया. मनोज अभी भी रजनी की चुत का पानी चाट रहा था. इतने में राज ने भी अपना पानी छोड़ दिया और लुण्ड बहार निकल उसका पूरा चेहरा अपने वीर्य से भर दिया. राज का वीर्य अब भी गाडा और बहुत सारा निकलता था. रजनी का पूरा चेहरा राज के वीर्य से भर गया. मैंने मनोज को देखा और वो अभी भी रजनी की चुत में मस्त था. राज पूरा पानी रजनी के चेहरे पर छोड़ने के बाद अपना लुण्ड फिर उसके मुह में दाल दिया और रजनी ने उसको चाट कर साफ़ कर दिया.
अब राज रजनी के पास ही सोफे पर बैठ गया. मैं उठी और रजनी के चेहरे से राज के गाडे वीर्य को चाट कर साफ़ करने लगी. रजनी ने मेरे बूब्स अपने हाथों में भर लिए और जोर जोर से उनको दबाने लगी. मैंने उसका पूरा मुह साफ़ किया और वही सोफे पर बैठ गयी.
raj और मनोज अब पूरी तरह से तृप्त नज़र आ रहे थे रजनी को छोड़ने के बाद. दोनों के लुण्ड अब मुरझा गए थे. मनोज भी रजनी का पानी पि और मस्त हो गया था.
"वाह रजनी तेरी चुत का पानी क्या स्वादिष्ट है. मुझे हमेशा पसंद आता है"
"मामू आपके लिए तो यह चुत हमेशा तैयार है... जब चाहो चोदो और इसका पानी पियो"

हम चरों बैठे ही थे के पायल भी वहां आ गयी.......
अगली कहानी का इंतज़ार करें... और बताईये यह कैसी लगी

8 comments:

  1. बडी मस्त है भाभी जी पढते पढते ही लंड ने पानी छोड दिया कभी हमे भी सेवा का मौका दीजिए नाँ
    आपका एक देवर

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  2. बडी मस्त है भाभी जी पढते पढते ही लंड ने पानी छोड दिया कभी हमे भी सेवा का मौका दीजिए नाँ
    आपका एक देवर

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  3. mera lund v chus lo. kahani padhte padhte khara ho gaya hai.tumhari gand v marunga.

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  4. mujhe bhi apna lund tumhari chut mein daalne do. mail me at angel_thelovemesenger@gmail.com. main tumhari choot ki pyaas bujha dunga.

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  5. thanks friends... jaldi hi aur likhungi

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  6. This comment has been removed by the author.

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