मैं और रजनी मनोज और राज के बीच में बैठे हुए थे जब पायल कमरे में आई. मैं मनोज के करीब थी और उसका ढीला लुंड सहला रही थी. मनोज ने अपनी उँगलियाँ मेरी चुत के अन्दर डाल अन्दर बहार कर रहा था. मैंने दुसरे हाथ से रजनी की चुत के अन्दर ऊँगली डाल राखी थी. रजनी ने अपने पापा का लौड़ा हाथ में लिया हुआ था जो रजनी के मुह में झड़ने के बाद थोडा शांत था. राज हलके से अपनी बाटी रजनी के बूब्स दबा रहा था और उसके निप्पल्स को उँगलियों के बीच मसल रहा था. रजनी बीच बीच में करह जाती थी जब राज जोर से उसके निप्पल्स खींच देता था.
चारों मदर्जात नंगे थे. पायल अभी स्कूल से ही आई थी और मनोज के देखते ही वोह भी उचल पड़ी.
"मामू, आप कब आये. मुझे मालूम ही नहीं था के आप भी आ रहे है" और पायल मनोज से चिपक गयी और उसके होठों को अपने होठों में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी. मनोज ने भी उसको अपनी बाहों में जकड लिया और उसके होठ चूसने लगा. २ मिनट के बाद जब पायल ने उसको छोड़ा तो उसने सांस ली.
"कैसे हो मामू, बहुत दिनों के बाद आये. और आने के बाद मेरा इन्तेज़ार भी नहीं किया. दोनों रंडियों के साथ लग गए. और पापा आपने भी मेरा इन्तेज़ार नहीं कराया मामू को. मेरे आने से पहले ही आप दोनों के लौडे इन रांडों ने चोद कर मुरझा दिए. अब मैं कैसे अपने प्यारे मामू के मोटे लुंड का मजा लुंगी. " कहते हुए पायल ने अपना मुह लटका लिए.
"tu क्यों चिंता कर रही है पायल, मामू तेरे इधर ही है और तेरे पास पूरा टाइम है उनके लुंड का मजा लेने का. और तू तो इन दोनों रांडों से भी बड़ी रांड है, अपने मामू का लुंड तू एकदम खडा कर देगी" राज ने कहा
" अब सिर्फ मैं आप दोनों को चोदूंगी इन दोनों रांडों का काम हो गया है ना... अब यह दोनों लुंड मेरे" और पायल दोनों हाथ फैला कर दोनों मुरझाये लुंड सहलाने लगी. पायल अभी भी स्कूल की ड्रेस में ही थी...सफ़ेद शर्ट और ग्रे स्कर्ट जो घुटनों के ऊपर तक थी और उसमे से उसकी मांसल जांघे झलक रही थी. पायल के बूब्स अभी इतने बड़े नहीं थे पर एकदम गदराये हुए थे. पायल का रंग बहुत गोरा है और निप्पल्स एकदम पिंक रंग के है. मनोज ने पायल को हम दोनों के बीच बैठा लिया और उसकी शर्ट के बटन खोलने लगा. सारे बटन खोलने के बाद शर्ट उतर उतार. तब तक मैंने उसकी स्कर्ट खोल कर निचे कर उतार थी और पायल अपनी गांड ऊपर कर मुझे उसको निचे करने दिया. अब पायल ब्रा और पैंटी में थी. सफ़ेद रंग की ब्रा में उसके बूब्स गज़ब लग रहे थे और पैंटी भी गीली हो गयी थी. उसकी चुत अभी से ही पानी छोड़ने लगी थी.
"पायल तू तो अभी से ही गीली हो गयी. अभी तो मामू ने कुत्च किया भी नहीं" मैं बोली",
"मामू को तो देखते ही मैं गीली हो जाती हूँ, क्या करूँ इनका जादू ही कुत्च ऐसा है"
मनोज ब्रेक ऊपर से ही पायल के बूब्स से खेलने लगा और अपना मुह दोनों बूब्स के बीच डाल पायल को चूमने लगा. पायल अब मनोज के लौडे को जोर जोर से हिला रही थी. उसका हाथ मनोज के लौडे को जकडे हुस ऊपर निचे हो रहा था. इतने में रजनी उठी और मेरी टाँगे खोल मेरी चुत चाटने लगी.
"माँ बहुत टाइम हुस तेरी चुत पर किसी का ध्यान ही नहीं गया. ला मैं तेरी चुत चाटू. तुझ कुतिया का भी तो ख्याल रखना है हम सबको और अभी तो तू जवान है, चाहे तो ३-४ लुंड एक साथ चोद सकती है."
"आआह्ह्ह्ह्छ रजनी, मेरी चुत हमेशा ही प्यासी रहती है रानी. तेरे पापा इतना छोड़ते है फिर भी मन करता है लुंड इसके अन्दर पड़ा ही रहे. कभी तो मन करता है घोडे जितना बड़ा लुंड मेरी चुत और गांड में हो."
राज को अब मैंने निचे कारपेट पर लेता दिया और उसका लौड़ा अपने मुह में ले लिया. रजनी उलटी होकर मेरी चुत चाटने लग गयी. पायल अभी भी मनोज के लुंड हाथ में लेकर ऊपर निचे हिला रही थी. मनोज अब उसकी ब्रा निकल चूका था और उसके छोटे पर सख्त बूब्स हाथों में लेकर सहला रहा था.
"है पायल तेरे बूब्स का तो जवाब नहीं. और तेरे निप्पल्स क्या गुलाबी है. इनको तो देखते ही किसी भी आदमी का लौड़ा खडा हो जाये मेरी रानी. देख तेरे मामू का लौड़ा कैसे फिर खडा हो गया मेरी रंडी भांजी के लिए. अब तझे ये लुंड चोद चोद कर तेरी चुत फाड़ देगा और तेरा मुह पूरा इस लुंड से भर दूंगा मेरी कुतिया रंडी."
'है मामू, क्या मस्त लौड़ा खडा किया है तुने मेरे लिए. पर पहले मेरे बूब्स दबा और चूस मेरे निप्पल्स. है मै मरी जा रही हूँ तेरे लौडे को अपनी चुत में लेने के लिए. मैं वैसे ही गरम हु और तू मुझे और गरम कर रहा है मादरचोद मामू. जैसे अपनी माँ को चोदता है हरामी की औलाद वैसे ही चोदना मुझे. और पापा तू मेरी गांड में डालना जब मामू मेरी चुत चोद रहा होगा. माँ पापा का लुंड खडा कर, मुझे इसको अपनी गांड में लेना है."
"रंडी तू चिंता मत कर, अगर एक और लुंड होता तो वोह तेरे मुह में डलवा कर तेरे सारे छेद भर देती. तेरे पापा तो कब से तेरा इन्तेज़ार कर रहे है. आज अब तेरी दो लंडों के साथ मस्त चुदाई होगी. चल रजनी मेरी चुत छोड़ और अपनी चुत पापा के मुह पर रख दे. उनको चूसने दे अपनी प्यारी बेटी की चुत. उनका लौड़ा और भी मस्त खडा होगा." मै बोली
रजनी ने मेरी चुत से अपना मुह निकला और जाकर राज के मुह पर बैठ गई.
"पापा चुसो अपनी बेटी की चुत. तुझे पसंद है न मेरी चुत का नमकीन स्वाद." और रजनी अपनी चुत राज के मुह पर रगड़ने लगी. राज भी अपनी जीभ निकल कर उसकी चुत चोदने लगा. रजनी उचल उचल कर राज के मुह पर अपनी चुत छोड़ रही थी. उसके बूब्स उचल कर इधर उधर जा रहे थे. मेरे मुह में राज का लौड़ा अब पूरी तरह खडा था और किसी भी छेद को चोदने को तैयार था. उधर पायल भी अब पूरी नंगी हो चुकी थी और मनोज का लौड़ा अपने मुह में ले उसको चूस रही थी. मनोज उल्टा होकर उसकी गुलाबी चुत चाट रहा था और अपनी उँगलियाँ अन्दर बहार कर रहा था. पायल गांड उचल उचल कर उसकी उँगलियाँ अन्दर ले रही थी.
"हाँ मामू, पूरी ऊँगली डाल मेरी चुत में... चोद मुझे कुत्ते...चोद हरामी...अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ"
और पायल ने फिर मनोज का लौड़ा अपने मुह में ले लिया. थोडी देर तक चूसने के बाद पायल अब तैयार थी चुदाई के लिए. पायल ने मनोज का लौड़ा बहार निकला और बोली "चल अब शुरू कर मेरी चुदाई. डाल अपना मोटा लुंड मेरी गरम गीली चुत में और फाड़ दे इसको. पापा, तू भी आ और चोद मेरे मुह को. देख तेरी रांड बेटी कैसे चुस्ती है तेरा लुंड साले हरामी मादरचोद. तुम रंडियां तब तक एक दुसरे की चुत चाटो"
राज उठा और अपना लौड़ा पायल के मुह पर ले गया जिसे उसने लपक कर अपने मुह में भर लिया. मनोज ने भी पायल की टाँगे खोली और उसकी गीली चुत मैं अपना लुंड भर दिया. अब दोनों जोर जोर से धक्के मार रहे थे और पायल को कुतिया की तरह चोद रहे थे. ५ मिनट के ज़बरदस्त धक्को के बाद दोनों झड़ने लगे तो दोनों ने अपने लुंड बहार निकले और पायल उस मुह पर पिचकारी छोड़ने लगे. पायल के पूरा चेहरा भीग गया दोनों के वीर्य से जिसको वोह मजे लेकर चाट रही थी. पूरी तरह झड़ने के बाद उसने दोनों लौडे अपने मुह में एक साथ लिए और चाट चाट कर उनको साफ़ कर दिया. फिर पापा के मुह में जीभ डाल उनको चूमा और अपने मुह में भरा दोनों का वीर्य राज के मुह में डाल दिया. राज चटकारे लेकर उसको पि गया.
"वह मजा आ गया जीजू तेरी बतियों और बीवी को चोद कर. साली मस्त रंडियां है. इनको तो तू नंगा ही रखा कर घर पर."
"यार यह रहती ही नंगी है. कई बार तो अकेले मुझे इन तीनो को चोदना मुश्किल हो जाता है. अगर एक दो लुंड और होते तो मजा आ जाता. इन रांडो को तो जितने लुंड देदो उतने कम है"
"हम रंडियों की जय हो.... मैं बोली और मनोज का लुंड फिर चूम लिया....
दोस्तों अभी और भी है आगे...
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good.......
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